जय गणपति जय गणनायक,
जय गणपति जय गणनायक
जय गणपति वंदन गणनायक,
तेरी छवि अति सुंदर सुखदायक,
जय गणपति वंदन गणनायक ॥
तू चार भुजाधारी,
मस्तक सिंदूरी रूप निराला,
है मूसक वाहन तेरो,
तू ही जग का रखवाला,
तेरी सुंदर मूरत मन में,
तू पालक सिद्धि विनायक,
जय गणपति वंदन गणनायक ॥
मन मंदिर का अँधियारा,
तेरे नाम से हो उजियारा,
तेरे नाम की ज्योति जली तो,
मन में बहती सुख धारा,
तेरो सिमरन हर पूजन में,
सबसे पहले फलदायक,
जय गणपति वंदन गणनायक ॥
तेरे नाम को जिसने ध्याया,
उस पर रहती सुखछाया,
मेरे रोम रोम अंतर में,
एक तेरा रूप समाया,
तेरी महिमा तू ही जाने,
शिव पार्वती के बालक,
जय गणपति वंदन गणनायक ॥
जय गणपति वंदन गणनायक,
तेरी छवि अति सुंदर सुखदायक,
जय गणपति वंदन गणनायक ॥