या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
आपका तशरीफ लाना ,वक्त ‘भी कितना सुहाना
जगमगा उठा जमाना हूरें गाती थीं तराना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
जान कर काफी सहारा ले लिया है दर तुम्हारा
खल्क के वारिस खुदार लो सलाम आका हमारा
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
पूरी या रब ये दुआ कर हम दरे मौला पे जाकर
पहले कुछ नाअतें सुनाकर यह पढ़ें सरको झुकाकर
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
बख्श दो मेरी खताएँ दूर हों गम की घटाएँ
भेज दो अपनी अताएऐँ वज्द में हम यूँ सुना ए
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
हश्र में तुम बख्श्वाना जब कहीं न हो ठिकाना
अपने दामव में छुपाना हर मुसीबत से बचाना
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
अस्सलाम ऐ जाने आलम अस्सलाम ईमाने आलम
‘शाहे दीं सुल्ताने आलम तुम से है सामाने आलम
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
रंज व् गम खाऐ हुऐ हैं दूर से आए हुएऐ हैं
तुम पे इतराए हुए हैं हाथ फऐलाएं हुऐ हैं
या नबबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
जानकर काफी सहारा ले लिया है दर तुम्हारा
खल्क के वारिस खुदारा लो सलाम आका हमारा
या नबी सलाम अलैका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका
शाफऐ महशर तुम्ही हो सांकिऐ कौषर तुम्ही हो
अरशे आज़म पर तुम्ही हो खल्क के रहबर तुम्ही हे
या नबी सलाम अलेका या रसूल सलाम अलैका
या हबीब सलाम अलैका सलवा तुल्ला अलैका